NEBH Certificate of Sri Onkar Eye & ENT Care Centre

NEBH Certificate of Sri Onkar Eye & ENT Care Centre

सेप्टोप्लास्टी क्या है? | Septoplasty in Hindi | Deviated Nasal Septum

Home  /  Best ENT hospital in Ambala   /  सेप्टोप्लास्टी क्या है? | Septoplasty in Hindi | Deviated Nasal Septum
septoplasty surgery in Ambala | Best ENT Hospital in Ambala

सेप्टोप्लास्टी क्या है? | Septoplasty in Hindi | Deviated Nasal Septum

Sri Onkar Eye & ENT Care Centre is one of the famous ENT hospitals in Ambala for the treatment of “Deviated Nasal Septum”. Dr. Rishi Gautam Aggarwal performs Septoplasty surgery for the correction of a deviated septum. Septoplasty is completely a safe and successful surgery at Sri Onkar Eye & ENT Care Centre and it is the best solution for a deviated septum.

A septoplasty takes anywhere from 30 to 90 minutes to complete, depending on the complexity of the condition. You’ll be under either local or general anesthesia, depending on what you and your doctor decide is best for you.

In a typical procedure, the surgeon makes an incision on one side of your nose to access the septum. They next lift up the mucous membrane, which is the protective covering of the septum. Then the deviated septum is moved into the right position. Any barriers, such as extra pieces of bone or cartilage, are removed. The last step is the repositioning of the mucous membrane.

The septum is the wall of bone and cartilage that divides your nose into two separate nostrils. A deviated septum occurs when your septum is moved to one side of your nose.

Some people are born with a deviated septum, but it can also be caused by an injury to your nose. Most people with a deviated septum have one nasal passage that’s much smaller than the other. This can cause difficulty breathing. Other symptoms of a deviated septum may include frequent nosebleeds and facial pain. Surgery is the only way to fix a deviated septum.

Septoplasty is a surgical procedure to correct a deviated septum. Septoplasty straightens the septum, allowing for better airflow through your nose.

सेप्टोप्लास्टी क्या है ?

सेप्टोप्लास्टी एक तरह की सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमे टेढ़ी नाक को दुबारा सीधा किया जाता है। मनुष्य के नाक में दो नॉस्ट्रिल्स होते है और दोनों के मध्य में सेप्टम हड्डी होती है। यदि यह अपने जगह से खिसक जाये तो मनुष्य को अनेक कठिनाई का सामना करना पड़ता है। जैसे साइनस का खतरा व सांस लेने में तकलीफ होती है। इसके अलावा नाक में चोट लग जाने पर यह सर्जरी की जा सकती है। कुछ मामलो में प्रक्रिया के दौरान टेढ़ी हड्डी को काटा जा सकता है ताकि पुनः सही जगह पर लगाया जा सके। हालांकि यह प्रक्रिया मरीज के लक्षण के आधार पर किया जाता है ताकि उनकी नाक की स्तिथि को सही किया जा सके।

सेप्टोप्लास्टी क्यों की जाती हैं ? (What are the Purpose of Septoplasty in Hindi)

सेप्टोप्लास्टी की सलाह निम्नलिखित लक्षणो के आधार पर दिया जा सकता है।

  • नाक के एक या दोनों तरफ से सांस लेने में कठिनाई हो।
  • बार-बार नाक बहना।
  • चेहरे के एक तरफ दर्द हो।
  • खर्राटे आना।
  • शोर-शराबा।
  • आवर्तक साइनस संक्रमण।

सेप्टोप्लास्टी के बाद देखभाल कैसे करें ? (How to Care After Septoplasty in Hindi)

सेप्टोप्लास्टी के बाद मरीज के नाक से खून निकलना या सूजन होने का जोखिम बना रहता है। हालांकि सर्जरी के बाद थोड़ा खून आना कोई बड़ी समस्या नहीं है किंतु अत्यधिक आने पर अपने चिकिस्तक से संपर्क करें। सेप्टोप्लास्टी के बाद मरीज को अपना ध्यान रखना चाहिए और चिकिस्तक द्वारा बताये गए निर्देश को सही से फॉलो करना चाहिए।

  • रक्तस्राव को सीमित करने के लिए चिकिस्तक कपास की पैकिंग का उपयोग करने की सलाह दे सकते हैं।
  • सूजन को कम करने के लिए, लेटने के दौरान सिर को ऊंचा रखना चाहिए और नाक के संपर्क में आने से बचना चाहिए।
  • सर्जरी के बाद कुछ हफ्तों तक शारीरिक गतिविधि करने से बचना चाहिए। (और पढ़े – सुबह व्यायाम करने के स्वास्थ्य लाभ क्या है)
  • मरीज को अपने नाक को चोट लगने से बचाव करना चाहिए ताकि और जोखिम न बढ़े।
  • मरीज को तनाव से बचना चाहिए और प्रोटीन युक्त आहार लेना चाहिए।
  • सर्जरी के कुछ हफ्तों तक सिर पर बल न लगाए।

सेप्टोप्लास्टी की जटिलताएं ? (What are the Risks of Septoplasty in Hindi)

सेप्टोप्लास्टी के बाद कुछ निम्न जोखिम हो सकते है। हालांकि यह सामान्य होते है जो कुछ दिनों में ठीक हो जाते है।

  • जैसे – जबड़ों में दर्द होना।
  • नाक से खून आना।
  • दांत में दर्द होना।
  • नाक के भीतर खून का जमाव हो जाना। (और पढ़े – नाक की सर्जरी क्या है)
  • नाक के आकार में बदलाव नजर आना।
  • नाक बंद होना।
  • किसी वस्तु को सूंघने में समझ न पाना।
No Comments
Post a Comment
Name
E-mail
Website

fifteen − thirteen =

Book Video Consultation