NEBH Certificate of Sri Onkar Eye & ENT Care Centre

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Tonsil Treatment | Tonsil Infection Treatment | Explained in Hindi

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Tonsil Treatment | Tonsil Infection Treatment | Explained in Hindi

We feel proud to say that Sri Onkar Eye & ENT Care Centre is the best ENT hospital for Tonsil Infection Treatment or for Tonsil Surgery not only in Ambala City but in the whole of Haryana. We cater to patients from various cities and villages of Haryana. Sri Onkar Eye & ENT Care Centre become the hub for Tonsil Surgery in Haryana. We are equipped with the Coblation technique which is painless and highly friendly for children with tonsil surgery as they don’t feel any pain. This is the best and permanent solution for tonsils. Our Chief Surgeon Dr. Rishi Gautam Aggarwal is a highly experienced doctor with 16+ Years of experience, he performed thousands of successful Tonsil surgeries till the time. We never suggest a patient about the surgery but if there is no option available and tonsils coming again and again we have the best solution in Haryana for tonsils. There is no need to stay admitted to the hospital after tonsil surgery, it is a day in and day out procedure. Moreover, for any complex situation, our emergency services are 24X7 open.

Tonsil Treatment | Tonsil Infection Treatment in Ambala

जानिए गले में टॉन्सिल्स क्या और कैसे होता है?

आप सभी ने अपने बचपन में कभी न कभी टॉन्सिल्स का अनुभव जरूर किया होगा, जिसमे हमारे टॉन्सिल्स (Tonsils Meaning in Hindi)में सूजन आ जाती है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बहुत बार हम बिना सोचे समझे ठंडा गरम खा लेते हैं, जिससे हमारे टॉन्सिल्स में सूजन आ जाती है। यह थोड़ा दर्दनाक हो सकता है और इस दौरान गले में दर्द होना सबसे आम लक्षण (Symptoms of Tonsils in Hindi) होता है। वैसे तो इसके इलाज के लिए आप अपने डॉक्टर के पास जा सकते हैं परन्तु आप अपने घर पर भी कुछ साबधानियॉ बरत कर और कुछ घरेलू नुस्खों की सहायता से इसका इलाज (Tonsils Home Remedy in Hindi) कर सकते हैं।

टॉन्सिल्स हमारे भारत में होने वाली सबसे आम समस्याओं में से एक है और ज्यादातर लोगों को पता नहीं होता की दरअसल टॉसिल्स सूजते क्यों हैं? यहां इस लेख में हमने टॉन्सिल्स (Tonsils meaning in Hindi) के बारे में पूरा विवरण दिया है- यह कैसे और क्यों होता है और इसका इलाज कैसे किया जा सकता है।

Tonsils Meaning in Hindi – टॉन्सिल्स क्या होते हैं?

Tonsils meaning in Hindi: टॉन्सिल्स हमारे गले में पीछे की तरफ 2 लिम्फ नोड्स होते हैं जो हमारे शरीर में इन्फेक्शन को रोककर हमारे शरीर के रक्षा तंत्र की तरह कार्य करते हैं। जब हमारे टॉन्सिल्स में इन्फेक्शन हो जाता है तो उस समस्या या कंडीशन को टॉंसिलिटिस कहते हैं। टॉन्सिल्स (Tonsils meaning in Hindi) हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम के हिस्से के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिसमें वे श्वसन पथ और शरीर के अन्य हिस्सों तक पहुंचने से पहले वायरल और जीवाणु संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। टॉन्सिल्स में कुछ सेल्स होती हैं जो हमारे शरीर में प्रवेश करने वाले किसी भी इन्फेक्शन को रोकती हैं। हालांकि, कभी-कभी, टॉन्सिल्स (Tonsils meaning in Hindi) स्वयं उसी जीवाणुओं/जर्म्स का शिकार हो जाते हैं जिन्हे वो हमारे शरीर में जाने से रोकने के लिए काम करते हैं। जब ऐसा होता है, तो टॉन्सिल्स में सूजन आ जाती हैं, जिससे दर्द और असुविधा होती है। कुछ मामलों में, टॉन्सिल्स का दर्द असहनीय हो सकता है और आपके चेहरे पर इसके लक्षण सफेद दागों के रूप में दिखाई दे सकते हैं, जो इन्फेक्शन का संकेत देते हैं।

Tonsil Infection Treatment in Ambala | Sri Onkar Eye & ENT Care Centre

Tonsil Infection Treatment in Ambala | Sri Onkar Eye & ENT Care Centre

Types of Tonsils in Hindi – टॉन्सिल्स के प्रकार

टॉन्सिल्स उनके लक्षणों और सही होने के समय के अनुसार कई प्रकार के होते है-

  1. एक्यूट टॉन्सिल्स: इस प्रकार के टॉन्सिल्स के लक्षण 3-4 दिन में चले जाते हैं या ज्यादा से ज्यादा २ हफ्ते तक रहते हैं।
  2. आवर्ती टॉन्सिल्स: इस प्रकार के टॉन्सिल्समें कोई व्यक्ति एक साल में कई बार टॉन्सिल्स के लक्ष्णों को महसूस कर सकता है।
  3. क्रोनिक टॉन्सिल्स: इस प्रकार के टॉन्सिल्स (Tonsils meaning in Hindi) में व्यक्तिके गले में बहुत सूजन आ जाती है और साथ ही साथ साँसों से बधबू आने लगती है।

टॉन्सिल्स के प्रकार (Types of Tonsils in Hindi) की जाँच करने से आपके डॉक्टर को इसके इलाज में सहायता मिलती है।

Causes of Tonsils in Hindi – टॉन्सिल्स होने के कारण

टॉन्सिल्स हमारे शरीर में बैक्टीरिया को रोकते हैं। ये व्हाइट ब्लड सेल्स बनाकर हमारी बॉडी को इन्फेक्शन से बचाते हैं। टॉन्सिल्स का मुख्य कार्य उन बैक्टीरिया और जर्म्स को रोकना जो हमारे मुंह के माध्यम शरीर में प्रवेश करते हैं। परन्तु हमारे टॉन्सिल्स (Tonsils meaning in Hindi) भी इन बैक्टीरिया से कभी कभी लड़ नहीं पाते और इन्फेक्शन हो जाता है।

टॉंसिलिटिस होने का मुख्य कारण वायरस से इन्फेक्शन होना है जो साधारण बुखार, ठण्ड लगने की वजह से, और किसी बैक्टीरियल इन्फेक्शन जैसे गला खराब होना इत्यादि के कारण हो सकता है। AAFP के अनुसार करीबन 15 से 30% तक टॉन्सिल्स बैक्टीरिया की वजह से होता है।

वायरस टॉन्सिल्स होने का सबसे आम कारण है। एपस्टीन-बार वायरस के कारण टॉन्सिल्स (Tonsils meaning in Hindi) हो सकते हैं, जो मोनोन्यूक्लियोसिस का भी कारण होता है।

Painless Tonsil Coblation Surgery in Ambala Cantt, Ambala City | Sri Onkar Eye & ENT Care Centre | Tonsils Specialist in Ambala | ENT Specialist in Ambala

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Sign and Symptoms of Tonsils – टॉन्सिल्स के लक्षण

वैसे तो टॉन्सिल्स कई प्रकार के होते हैं, परन्तु कुछ सामान्य लक्षण (Symptoms of Tonsils in Hindi) इस प्रकार हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • गले में सूजन
  • निगलने में कठिनाई होना
  • खराश होना
  • सांसों की बदबू
  • बुखार
  • ठंड लगना
  • कान में दर्द
  • पेट दर्द
  • सिर दर्द
  • गर्दन अकड़ जाना
  • लिम्फ नोड्स में सूजन के कारण जबड़े और गर्दन में लचकता आ जाना
  • लाल और सूजे हुए टॉन्सिल्स
  • सफेद या पीले रंग के धब्बे के साथ टॉन्सिल्स हो जाना
  • उलटी होना
  • थकान – Fatigue
  • खाँसी, सोने में परेशानी होना – Insomnia
  • जी मिचलाना –Nausea
  • मुंह खोलने में परेशानी होना

बहुत छोटे बच्चों में, आप चिड़चिड़ापन, भूख कम लगना, या मुंह से अत्यधिक लार गिरना इत्यादि में वृद्धि हो सकती है।

दो प्रकार के टॉंसिलिटिस होते हैं उनके कुछ लक्षण (Symptoms of Tonsils in Hindi) इस प्रकार हैं:

  1. आवर्ती टॉंसिलिटिस: इसमें एक वर्ष में कई बार टॉन्सिल्स होते हैं जो बहुत ही तीव्र होते हैं
  2. क्रोनिक टॉंसिलिटिस: इसमें टॉन्सिल्स लम्बे समय के लिए होते हैं। इसके कुछ अन्य लक्षण भी होते है जिसमें निम्न शामिल हैं:
  3. गले में सूजन
  4. बुरी सांस, या हालिटोसिस
  5. गर्दन के लिम्फ नोड्स में कोमलता आ जाना

How Tonsils is diagnosed – टॉन्सिल्स की पहचान कैसे करें?

Test for Tonsils in Hindi : टॉन्सिल्स (Tonsils meaning in Hindi) की पहचान करने के लिए आपका डॉक्टर आपके गले का अच्छे से परीक्षण करेगा। इस परीक्षण को करने के लिए डॉक्टर आपके गले के पीछे वाले हिस्से से थोड़ा सैंपल लेगा और इस सैंपल को लेबोरटरी भेजा जायेगा। इस सैम्पल के परीक्षण से यह पता चल जायेगा की आपके गले में इन्फेक्शन या टॉन्सिल्स (Tonsils meaning in Hindi) के सूजने का असली कारण क्या है।

इसके अलावा आपका डॉक्टर आपकी ब्लड सेल काउंट भी कर सकता है। इसमें वह कुछ प्रकार की ब्लड सेल्स को काउंट करने के लिए आपका थोड़ी सी मात्रा में ब्लड लेगा, इस सैंपल से इन्फेक्शन के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिल सकती है। अगर लिया गया सैंपल सही नहीं है तो उसके अनुसार आपका डॉक्टर आपके लिए सही इलाज निर्धारित करेगा।

 

Treatment of Tonsils in Hindi – टॉन्सिल्स का इलाज

  • बहुत हल्के टॉन्सिल्स (Tonsils meaning in Hindi) में इलाज की ऐसी कोई खास जरूरत नहीं होती खासकर जो सर्दी के वायरस के कारण हुआ हो।
  • अगर टॉन्सिल्स थोड़ा ज्यादा है तो इसके लिए आप एंटीबायोटिक्स या टॉंसिलेक्टोमी ले सकते हैं।
    किसी भी प्रकार के बैक्टीरियल इन्फेक्शन से लड़ने के लिए एंटीबायोटिक्स दिए जाते हैं, जरूरी है की आप इसका कोर्स पूरा करें। साथ में आपका डॉक्टर समय से ये भी जाँच करेगा की ये दवाएँ कितनी असरदार हैं।
  • सर्जरी के द्वारा टॉन्सिल्स का इलाज करने की प्रक्रिया को टॉंसिलेक्टोमी कहा जाता है। पहले ये टॉन्सिल्स के इलाज के लिए आम प्रक्रिया हुआ करती थी। आजकल टॉंसिलेक्टोमी को केवल क्रोनिक या आवर्ती टॉन्सिल्स के इलाज (Treatment of Tonsils in Hindi) के लिए सुझाया जाता है। इसके अलावा सर्जरी की सलाह तब दी जाती है जब कोई भी इलाज असर नहीं करता या किसी प्रकार की कोई परेशानी होती है।
  • अगर टॉंसिलिटिस के कारण डिहाइड्रेशन हो जाता है तो अंतःशिरा तरल पदार्थ दिया जाता है। गले में सूजन को कम करने के लिए दर्द की दवाई भी इसमें आराम पहुंचाती है।

टॉन्सिल्स के घरेलू इलाज – Tonsils Home Remedy in Hindi

इन उपचारों के अलावा कुछ घरेलू उपायों (Tonsils Home Remedy in Hindi) को करके भी टॉन्सिल्स से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है। टॉन्सिल्स के इलाज के लिए कुछ घरेलू इलाज ( Tonsils Home Remedy in Hindi) इस प्रकार हैं-

नमक का पानी: हल्के गुनगुने पानी से गरारे टॉन्सिल्स के इलाज के लिए सबसे अच्छा और आसान नुस्खा (Tonsils Home Remedy in Hindi) है। गरम पानी टॉन्सिल्स की सूजन में आराम पहुंचता है और नमक बैक्टीरिया और जर्म्स को खत्म करने में मदद करता है। साथ ही साथ नमक मुंह की जलन को भी काम करता है और आराम पहुंचता है।

तुलसी: पवित्र तुलसी टॉन्सिल्स को सही करने का एक अनोखा और अनूठा इलाज (Tonsils Home Remedy in Hindi) है। तुलसी में एंटीवायरल और अज्वलनशील गुण होते हैं जो सूजन को कम करने में और दर्द में आराम पहुंचाने में काम आते हैं। तुलसी को उबालकर बने पेय जिसमे 2 ग्राम काली मिर्च हो, पीने से आराम मिलता है। इसके अलावा यह पेय आपकी इम्युनिटी को अच्छा करता है और एंटीबैक्टीरियल तत्व की तरह काम करता है।

 

दालचीनी: दालचीनी का इस्तेमाल भी टॉन्सिल्स के इलाज (Tonsils Home Remedy in Hindi) के लिए किया जाता है। दालचीनी में एंटीमाइक्रोबिअल गुण होते हैं जो बैक्टीरिया के विकास को रोकने में सहायक होती है और सूजन, दर्द और जलन को कम करने में मदद करती है। इसके लिए 1 गिलास गरम पानी में 1 चम्मच दालचीनी और 2 चम्मच शहद डालकर मिलाये और गरम गरम पियें।

 

हल्दी: हल्दी के अज्वलनशील और एंटीसेप्टिक गुण के कारण यह टॉन्सिल्स के कारण हुए इन्फेक्शन में मदद करती है और इसके दुष्परिणामों से बचाती है। टॉन्सिल्स (Tonsils Meaning in Hindi) को सही करने के लिए 1 गिलास गरम पानी में 1/2 चम्मच हल्दी और 1/2 चम्मच नमक मिलाकर उस पानी से गरारे करने से टॉन्सिल्स में आराम मिलता है। रात को सोने से पहले इस नुस्खे को अपनाने से बहुत ही अच्छे परिणाम (Tonsils Home Remedy in Hindi) मिलते हैं।

 

पानी के स्थान पर आप दूध का भी प्रयोग कर सकते हैं रात को हल्दी वाला दूध पीने से भी 2-3 दिन में टॉन्सिल्स सही हो जाते

मेंथी: मेथी में एंटीबैक्टेरियल गन होते है जो इसको टॉन्सिल्स का इलाज करने के लिए उत्कृष्ट उपाय बनाते हैं क्योंकि यह टॉन्सिल्स के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ सकता है। इसके अलावा, मेथी में मौजूद अज्वलनशील गुण आपको दर्द और सूजन से तुरंत राहत देंगे।

तरल पदार्थ: बहुत सारे तरल पदार्थ पीना गले को सूखने से और अधिक असहज होने से रोक सकता है। जब शरीर इन्फेक्शन से लड़ रहा होता है, तो उसे सामान्य से अधिक हाइड्रेशन की आवश्यकता होती है। ऐसे में गर्म, कैफीन मुक्त पेय भी टॉन्सिल्स(Tonsils Meaning in Hindi) में आराम पहुँचा सकते हैं।

अगर किसी व्यक्ति को साल में तीन से चार बार टॉन्सिलाइटिस होता है, और टॉन्सिल की दवा (tonsil ki dawa) से भी आराम नहीं मिलता हो तो उसे क्या करना चाहिए?

ऐसे में डॉक्टर रोगी को सर्जरी कराने की सलाह देते हैं। इस ऑपरेशन में टॉन्सिल्स को निकाल दिया जाता है, जिससे समस्या दोबारा नहीं होती।

Dr. Rishi Gautam Aggarwal | Best ENT specialist in Haryana | Best ENT Surgeon in Haryana

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